नोटबंदी के बाद भारत में डिजिटल भुगतान का चलन तेजी से बढ़ा है। इसमें सबसे महत्वपूर्ण भूमिका यूपीआई(UPI) द्वारा निभाई गई है। साथ ही साथ एनपीसीआई(NPCI) द्वारा रुपे कार्ड(RuPay Card) को भी व्यापक स्तर पर लॉन्च किया गया है। भारत आज पूरे विश्व में डिजिटल भुगतान के मामले में भारत अग्रणी भूमिका निभा रहा है। एनपीसीआई द्वारा कई देशों में यूपीआई एवं रुपए कार्ड सेवा की शुरुआत की गई है।और देशों के साथ बातचीत जारी है। वर्तमान में नेपाल,भूटान,सिंगापुर,संयुक्त अरब अमीरात(UAE) आदि देशों में यूपीआई(UPI) एवं रुपे कार्ड(RuPay Card) चल रहा है। फरवरी 2022 में नेपाल यूपीआई(UPI) एवं रुपे कार्ड(RuPay Card) शुरू करने वाला पहला देश बना था।
कैसे शुरू हुआ ई-रूपी(e-Rupi)
भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 02.08.2021 को ई-रूपी(e-Rupi) का शुभारंभ किया था। यह ई-रूपी(e-Rupi) डिजिटल तौर पर भुगतान के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। सबसे पहले ई-रूपी कोविड-19 वैक्सीनेशन के लिए डिजिटल भुगतान के लिए लांच किया गया था। यह एक प्रीपेड वाउचर है जिसका उपयोग विभिन्न सेवाओं के भुगतान के लिए किया जा सकेगा। इस ई-रूपी के द्वारा किया गया भुगतान पूर्ण रूप से कैशलेस में पेपर लेस होता है।
ई-रूपी(e-Rupi) किसने बनाया
ई-रूपी को एनपीसीआई(National Payments Corporation of India) ने विकसित किया था। एनपीसीआई(NPCI) भारत में डिजिटल पेमेंट के लिए पूरे इकोसिस्टम की देखरेख करता है। ई-रूपी को एनपीसीआई ने वित्तीय सेवा विभाग(Department of Financial Services), स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय और राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण(National Health Authority) के सहयोग से विकसित किया गया था। शुरुआत में एनपीसीआई ई-रूपी के लेनदेन के लिए 11 बैंकों के साथ करार किया था। एनपीसीआई की आगे की योजना इस ई-रूपी के लिए कई बैंकों के साथ लेन-देन के लिए करार करने की है।
ई-रूपी कैसे काम करता है
मूल रूप से बात करें तो ई-रूपी एक डिजिटल बाउचर है। यह वाउचर एक तय प्रीपेड रकम से लोड होता है। यानी ई-रूपी एक प्रीपेड इंस्ट्रूमेंट है। इसी ई-रूपी डिजिटल वाउचर का उपयोग करके आप डिजिटल भुगतान कर सकते हैं। जो भी इस ई-रूपी को स्वीकार करता है उसी स्थान पर जाकर इस ई वाउचर को रिडीम किया जा सकता है। ई-रूपी का उपयोग स्मार्ट एवं फीचर फोन दोनों पर किया जा सकता है।
जब आप अपने स्मार्ट फोन से ई-रूपी को जनरेट करते हैं तो ई-रूपी एक डिजिटल क्यूआर(QR) के रूप में आपके स्मार्टफोन पर आ जाता है। यदि आपके पास एक फीचर फोन है तो आपके फीचर फोन पर ई-रूपी का एक कोड एसएमएस(SMS) के रूप में प्राप्त हो जाता है। यह क्यूआर कोड या एसएमएस(SMS) को आपको सेवा प्रदाता को दिखाना होता है। आप जितने रुपए के लिए पेमेंट करना चाहते हैं। उतने रुपए के लिए आपके पास एक रिफरेंस नंबर इस पेमेंट को अधिकृत करने के लिए आ जाएगा। जब आप यह रिफरेंस नंबर सेवा प्रदाता के साथ शेयर करेंगे तो उससे डिजिटल माध्यम से आपका पेमेंट हो जाएगा ।
ई-रूपी के लिए लाइव(Live) बैंक:
- State Bank of India
- HDFC Bank
- Axis Bank
- Punjab National Bank
- Bank of Baroda
- Canara Bank
- IndusInd Bank
- ICICI Bank
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FAQs:
1.प्रश्न: ई-रूपी(e-Rupi) कब शुरू हुआ ?
उत्तर- भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 2 अगस्त 2021 को ई-रूपी(e-Rupi) का शुभारंभ किया था।
2.प्रश्न: सबसे पहले ई-रूपी(e-Rupi) किस कम के लिए इस्तेमाल हुआ ?
उत्तर- सबसे पहले यूपी कोविड-19 के वैक्सीनेशन के लिए डिजिटल भुगतान के लिए लांच किया गया था।
3.प्रश्न: ई-रूपी(e-Rupi) को किसने विकसित किया ?
उत्तर- ई-रूपी को एनपीसीआई(National Payments Corporation of India) ने विकसित किया था। एनपीसीआई(NPCI) भारत में डिजिटल पेमेंट के लिए पूरे इकोसिस्टम की देखरेख करता है। ई-रूपी को एनपीसीआई ने वित्तीय सेवा विभाग(Department of Financial Services), स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय और राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण(National Health Authority) के सहयोग से विकसित किया गया था।
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