उत्तराखण्ड के सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों में कई ऐसे पर्यटक स्थल अवस्थित है, जो कि अपनी नैसर्गिक छटा एवं सांस्कृतिक विरासत को अपने में समेटे हुये हैं, किन्तु उन स्थलों पर पर्यटकों हेतु उचित आवास एवं खान-पान की सुविधा न होने के कारण वे इन पर्यटक स्थलों का आनन्द लेने से वंचित रह जाते है।

अतिथि उत्तराखण्ड गृह आवास (होम स्टे) नियमावली के माध्यम से राज्य के शहरी क्षेत्रों के साथ-साथ दूरस्थ पर्यटक क्षेत्रों में पर्यटकों को आकर्षित करने हेतु, स्तरीय आवासीय सुविधा बढ़ाने, स्थानीय स्तर पर स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराने तथा भवन स्वामियों को अतिरिक्त आय का स्त्रोत उपलब्ध कराये जाने के उद्देश्य से अतिथि उत्तराखण्ड गृह आवास (होम स्टे) नियमावली तैयार की जा रही है।
अतिथि-उत्तराखण्ड्ड ‘गृह आवास (होम स्टे) नियमावली’ के शुभारंभ के पीछे मूल विचार विदेशी और घरेलू पर्यटकों के लिए एक साफ और किफायती तथा ग्रामीण क्षेत्रों तक स्तरीय आवासीय सुविधा प्रदान करना है। इससे विदेशी पर्यटकों को भी एक भारतीय परिवार के साथ रहने उनकी संस्कृति का अनुभव व परंपराओं को समझने और भारतीय/उत्तराखण्डी व्यंजनों के स्वाद के लिए एक उत्कृष्ट अवसर मिलेगा।
उत्तराखंड सरकार की पंडित दीन दयाल होम स्टे योजना वास्तव में लोगों के लिए स्वरोजगार के शानदार अवसर उपलब्ध करा सकती है। इस योजना के माध्यम से सिर्फ साल 2020 में ही 5000 होमस्टे विकसित किए गए थे। इससे प्रदेश में रोजगार के अवसर को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है और लोगों को कामकाज या कारोबार के लिए दूसरे राज्य में पलायन करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

होम स्टे योजना के फायदे:
- होम स्टे योजना में घर का नवीनीकरण करने के लिए पात्र आवेदकों को बैंक लोन लिए जाने की हालत में सरकार से मदद मिलेगी।
- होम स्टे से आमदनी पर शुरुआती तीन साल तक SGST की धनराशि की भरपाई विभाग द्वारा की जाएगी।
- होम स्टे योजना के प्रचार-प्रसार के लिए अलग वेबसाइट और मोबाइल एप विकसित किया गया है।
- होम स्टे संचालकों को आतिथ्य सत्कार का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
- तीस लाख रुपये की सीमा तक कमर्शियल लोन की स्वीकृति के बदले कोलेटरल पर लगने वाले शुल्क की होगी प्रतिपूर्ति।
- पुराने भवनों के आधुनिकीकरण, साज-सज्जा, अनुरक्षण एवं नए शौचालयों के निर्माण पर भू-उपयोग परिवर्तन की आवश्यकता नहीं होगी।
कितनी सरकारी मदद मिलेगी?
- मैदानी जनपदों हेतु लागत का 25 प्रतिशत या अधिकतम रु० 7.50 लाख की सहायता
- पांच साल हेतु अधिकतम रु० 1.00 लाख/वर्ष की ब्याज सहायता
- पर्वतीय जनपद हेतु लागत का 33 प्रतिशत या अधिकतम रु० 10.00 लाख सहायता
- पांच साल हेतु अधिकतम रु० 1.50 लाख/वर्ष की ब्याज सहायता

होम स्टे योजना की शर्तें:
- भवन में मकान मालिक अपने परिवार के साथ रह रहा हो।
- अपने भवन का होम स्टे योजना के तहत पंजीकरण कराना अनिवार्य।
- पर्यटकों के लिए 1 से 6 कमरों की व्यवस्था की जा सकेगी।
- यह योजना नगर निगम क्षेत्र को छोड़कर संपूर्ण प्रदेश में लागू।
- पारंपरिक/पहाड़ी शैली में निर्मित/विकसित भवनों को प्राथमिकता।
एसे कराएं अतिथि उत्तराखण्ड गृह आवास (होम स्टे) योजना में: लिंक पर क्लिक करें https://uttarakhandtourism.gov.in/homestay/registration.php
अतिथि उत्तराखण्ड गृह आवास (होम स्टे) योजना की नियमावली: लिंक पर क्लिक करें
प्रथम नियमावली:
https://uttarakhandtourism.gov.in/homestay/UserFiles/files/uttarakhand-home-stay-niyamwali-2015-26-2-16.pdf
द्वितीय नियमावली:
https://uttarakhandtourism.gov.in/homestay/UserFiles/files/uttarakhand-home-stay-niyamwali-2015-26-2-16.pdf